BRSABV Ekana Cricket Stadium, लखनऊ अब भारत में सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में से एक माना जाता है। इस मैदान की बैठने की क्षमता 50,000 है, इस प्रकार यह भारत का पांचवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है।
2018 में, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा देश के पूर्व 10वें प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में स्टेडियम का नाम बदलकर यह वर्तमान नाम कर दिया गया। बता दें कि इस स्टेडियम का नाम पहले एकाना क्रिकेट स्टेडियम था, जिसे स्थानीय लोग इसी नाम से संबोधित करना पसंद करते हैं।
भारत के सभी स्टेडियमों की तुलना में इस स्टेडियम की सीमाएँ सबसे लंबी हैं। यह उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम , यूपी महिला क्रिकेट टीम और आईपीएल फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपर जायंट्स का घरेलू मैदान भी है।
2019 में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने इसे अपने घरेलू मैदान के रूप में इस्तेमाल किया। केडी सिंह बाबू स्टेडियम बनने से पहले यह स्टेडियम लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की मेजबानी करता था।
BRSABV Ekana Cricket Stadium, 2023 पुरुष क्रिकेट विश्व कप के पांच मैचों की मेजबानी करने वाला है।
आपको बता दें कि,लखनऊ में विश्व स्तरीय स्टेडियम के निर्माण की परियोजना 2014 में शुरू की गई थी, और स्टेडियम को तत्कालीन यूपी प्रमुख की देखरेख में 2012-2017 राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान एकाना स्पोर्ट्ज़ सिटी और लखनऊ विकास प्राधिकरण के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत बनाया गया था।
मंत्री अखिलेश यादव ने एकाना स्पोर्टज़ सिटी नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी, जीसी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने की कोशिश की थी। साझेदारी के समझौते के अनुसार, सरकार ने इकाना स्पोर्ट्ज़ सिटी को निर्माण के लिए 71 एकड़ का 35 साल का पट्टा प्रदान किया। क्रिकेट स्टेडियम, जिसका पट्टा 2052 तक चलेगा। इसके अलावा, सरकार ने रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए 99 साल के पट्टे पर 66 अतिरिक्त एकड़ जमीन भी प्रदान की।
आपको बता दें कि इस क्रिकेट स्टेडियम को 360 करोड़ और 3.6 अरब रुपए के बजट से बनाया गया है।
अपने अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण से पहले, इस स्टेडियम ने 2017-18 दलीप ट्रॉफी के फाइनल की भी मेजबानी की थी।
बता दें कि 27 अक्टूबर 2017 को हुए भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीसरे वनडे के लिए स्टेडियम आवंटित किया गया था।
हालांकि, स्टेडियम को अपूर्ण घोषित किए जाने के बाद आयोजन स्थल को कानपुर में स्थानांतरित कर दिया गया था।
6 नवंबर 2018 को, स्टेडियम ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच, भारत और वेस्टइंडीज के बीच एक ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय (टी20आई) की मेजबानी की।।
आपको बता दें कि यह स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच की मेजबानी करने वाला भारत का 52वां स्टेडियम बन गया ।
1994 के भारत और श्रीलंका टेस्ट मैच के बाद, 24 साल बाद लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच की वापसी हुई।
और उस मैच में रोहित शर्मा टी20 में चार शतक बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने।
भारत ने वह मैच 71 रनों से जीत लिया। लखनऊ ने आखिरी बार किसी अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी जनवरी 1994 में की गई थी, जब भारत ने केडी सिंह बाबू स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेला था ।
मई 2019 में, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बीसीसीआई से इस स्थान का उपयोग अपने अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए करने का अनुरोध किया।
इसके बाद अगस्त 2019 में, बीसीसीआई ने अफगानिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को भारत में उनके तीसरे घरेलू स्थल के रूप में यह आयोजन स्थल प्रदान किया, जो पहले देहरादून और ग्रेटर नोएडा में खेला जाता था ।
मैदान पर 2019 में अफगानिस्तान बनाम वेस्टइंडीज श्रृंखला के दौरान सभी मैचों की मेजबानी की गई।
6 नवंबर 2019 को, वनडे मैच की मेजबानी की। बता दें कि 27 नवंबर 2019 को, इस स्थल ने अपने पहले टेस्ट मैच की मेजबानी की।
और फिर मई 2022 में, यह स्थल महिला टी20 चैलेंज के चौथे संस्करण के सभी मैचों की मेजबानी करने वाला था।
हालाँकि, बाद में मैचों को पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में स्थानांतरित कर दिया गया।
वैसे बात करें इस स्टेडियम की पिच रिपोर्ट की तो, यहां पूरे मैदान पर घास मौजूद है और कहां जाता है कि इस मैदान पर, स्पिनर को तेज गेंदबाजों की तुलना में काफी ज्यादा मदद मिलती है। हालांकि इस विशालकाय मैदान की पिच बल्लेबाजों के लिए भी अनुकूल मानी जाती है।
यही वजह है कि जब अफ्रीकी टीम वर्ल्ड कप के दौरान इस मैदान पर उतरी तो, अफ्रीका के धुआंधार बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक ने विपक्ष को दो डाला और इसी के चलते उन्हें मैन ऑफ द मैच का अवार्ड भी मिला।