श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड का आईसीसी से निलंबन
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से निलंबन कर दिया गया है। आईसीसी ने कहा है कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड में सरकारी हस्तक्षेप के कारण यह कार्रवाई की गई है।
सरकारी हस्तक्षेप के लिए कार्रवाई
आईसीसी के नियमों के अनुसार, सदस्य देशों के क्रिकेट बोर्डों को स्वायत्त रूप से काम करना चाहिए और सरकार का उनमें कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। हालांकि, हाल के महीनों में श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड में सरकार के हस्तक्षेप के कई मामले सामने आए हैं।
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को भविष्य में क्या करना चाहिए?
इस साल की शुरुआत में श्रीलंका क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 विश्व कप में निराशाजनक प्रदर्शन किया था। इसके बाद श्रीलंका सरकार ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के पूरे बोर्ड को बर्खास्त कर दिया और एक अंतरिम समिति नियुक्त कर दी। हालांकि, श्रीलंका के सर्वोच्च न्यायालय ने श्रीलंका सरकार के इस फैसले को रद्द कर दिया था। इसके बाद श्रीलंका सरकार ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के संविधान में बदलाव करने की कोशिश की, ताकि वह बोर्ड में अपने नियंत्रण को बढ़ा सके।
आईसीसी ने श्रीलंका सरकार के इन सभी प्रयासों को श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड में सरकारी हस्तक्षेप के रूप में देखा और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी से निलंबित कर दिया। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के आईसीसी से निलंबन के कई प्रभाव होंगे। सबसे पहले, श्रीलंका क्रिकेट टीम अब किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग नहीं ले सकेगी। इसका मतलब है कि श्रीलंका क्रिकेट टीम अगले साल होने वाले एकदिवसीय विश्व कप में भाग नहीं ले सकेगी।
दूसरे, श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी से मिलने वाली सभी फंडिंग बंद कर दी जाएगी। इससे श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। तीसरे, श्रीलंका के क्रिकेट खिलाड़ी अब विदेशी क्रिकेट लीगों में भाग नहीं ले सकेंगे। इससे श्रीलंका के क्रिकेट खिलाड़ियों की आय पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
निलंबन के प्रभाव
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को अपने निलंबन को हटाने के लिए आईसीसी को यह विश्वास दिलाना होगा कि वह स्वायत्त रूप से काम कर रहा है और सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को अपने संविधान में भी बदलाव करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप न हो।
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को अपने निलंबन को हटाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। हालांकि, अगर श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड सही कदम उठाता है तो उसे अपने निलंबन को हटाने में सफलता मिल सकती है।