धोनी की बंगाली भाषा की समझ ने बांग्लादेशी खिलाड़ियों को चकित कर दिया

महेंद्र सिंह धोनी, भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक, हमेशा अपनी बुद्धि और चालबाजी के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में, उन्होंने एक साक्षात्कार में एक ऐसा किस्सा साझा किया जिसने उनकी बंगाली भाषा की समझ और प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों को धोखा देने की उनकी क्षमता दोनों को उजागर किया।

धोनी ने कहा कि उन्होंने अपने युवा दिनों में खड़गपुर, पश्चिम बंगाल में रेलवे टिकट कलेक्टर के रूप में काम किया था। इस दौरान, उन्होंने बंगाली भाषा सीखना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें बंगाली भाषा में बोलना और समझना पसंद है।

2015 में, भारत बांग्लादेश के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेल रहा था। धोनी बल्लेबाजी कर रहे थे। बांग्लादेशी विकेटकीपर और तेज गेंदबाज धोनी के बारे में बात कर रहे थे, यह सोचकर कि वह बंगाली नहीं समझते हैं। धोनी ने उनकी बातचीत को समझ लिया और उनकी योजनाओं का पता लगा लिया।

धोनी ने कहा, “मैंने उनकी बातचीत सुनी और समझ लिया कि वे मुझे क्या करने जा रहे हैं। मैंने अपनी तैयारी कर ली और उन्हें नाकाम कर दिया।”

धोनी के धोखे से बांग्लादेशी खिलाड़ी हैरान रह गए। उन्होंने सोचा भी नहीं था कि धोनी बंगाली समझते हैं।

धोनी ने कहा, “यह एक मजेदार किस्सा है। मुझे खुशी है कि मैंने बांग्लादेशी खिलाड़ियों को धोखा दे दिया।”

धोनी ने हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की कप्तानी की। उन्होंने CSK को पांचवीं बार IPL खिताब दिलाया।

धोनी ने कहा कि वह भविष्य में भी क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे। वह CSK के साथ बने रहना चाहते हैं और टीम को सफलता दिलाना चाहते हैं।

महेंद्र सिंह धोनी एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं जो अपनी बुद्धि और चालबाजी के लिए जाने जाते हैं। उनके पास बंगाली भाषा की भी अच्छी समझ है। उन्होंने बांग्लादेशी खिलाड़ियों को धोखा देने के लिए अपनी भाषा कौशल का उपयोग किया, जो एक मजेदार और यादगार क्षण था।

अतिरिक्त जानकारी:

  • धोनी ने 2023 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
  • उन्होंने 2004 से 2022 तक भारत के लिए 90 टेस्ट, 350 एकदिवसीय और 98 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
  • उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 4911 रन, वनडे में 10773 रन और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 1617 रन बनाए।
  • उन्होंने भारत को 2007, 2011 और 2013 में आईसीसी विश्व कप खिताब जीतने में मदद की।
  • उन्हें 2008 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री से सम्मानित किया गया।

 

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